छा गई है फागुन की बहार,
सझ गया है मेरे बाबा का दरबार,
बड़ा रंगीला है श्याम प्यारा प्यारा,
बड़ा सजीला है श्याम प्यारा प्यारा,
मस्त बहार चली है होली का भी गुल भज गया है,
पेहन मुकट और माला खाटू का राजा सज गया है,
थोड़ा सा ये मुस्काये थोड़ा शर्मीला है,
श्याम प्यारा प्यारा,
बड़ा रंगीला है श्याम प्यारा प्यारा,
ओ मेरे प्यारे आओ दुःख सारे तुम्हारे हटा दू,
माल खजाना अपना आज सारा मैं तुम पर लुटादु,
रीज गया मेरा प्यारा बड़ा खर्चीला है,
श्याम प्यारा प्यारा,
बड़ा रंगीला है श्याम प्यारा प्यारा,
सूंदर लाल बसंती रंग में सारा जगत रंग गया है,
स्वर्ग से खूब सूरत देखो खाटू नगर सझ गया है
भक्ति रंग में रंग देगा बड़ा अलबेला है,
श्याम प्यारा प्यारा,
बड़ा रंगीला है श्याम प्यारा प्यारा,