हे भोलेनाथ हे शंकरा,
नीलकंठ तेरो नाम,
भोलेनाथ....
सारे जगत के सार तुम ही हो,
जीवन के आधार तुम ही हो,
हर एक जीव में वास तुम्हारा,
मन मंदिर में धाम,
नीलकंठ तेरो नाम.....
आदि गुरु हो तुम अविनाशी,
तेरी कृपा के हम अभिलाषी,
तेरी दया से बन जाते हैं,
सब के बिगड़े काम,
नीलकंठ तेरो नाम....
हे त्रिपुरारी नाथ हमारे,
सबकी नैया तेरे सहारे,
हर पल सुमिरे शम्मी तुमको,
तुम हो सुख के धाम,
नीलकंठ तेरो नाम.....