ओ कावड़ियाँ गंगा जल तू जब शंकर पे चढ़ाये गा,
भोले बाबा होके प्रशन होक होंगे प्रगट वर मिलेगा अमर तू हो जाएगा,
ओ कावड़ियाँ गंगा जल तू जब शंकर पे चढ़ाये गा,
तेरी तपस्या ब्यर्थ न जायेगी लगन से तू शिव धाम को चल,
शिव की संधाना भली भुत है बना के मन को तू चंचल,
लाखो तर गये इनकी किरपा से तू भी लक्श में होगा सफल
हर हर महादेव तू बोल के बाबा के द्वारे आएगा,
भोले बाबा होके प्रशन होक होंगे प्रगट वर मिलेगा अमर तू हो जाएगा,
ओ कावड़ियाँ गंगा जल तू जब शंकर पे चढ़ाये गा,
पाओ में छाले पड़ गये तेरे चलता चल हिमत मत हार,
है ये परीक्षा तेरी कावड़ियाँ पर जायेगी न ये बेकार,
जब होगी भोले की महिमा तो पल में तेरा होगा उधार,
जो त्रिपुरारी से मांगे गा तुझको वो मिल जाएगा ,
भोले बाबा होके प्रशन होक होंगे प्रगट वर मिलेगा अमर तू हो जाएगा,
ओ कावड़ियाँ गंगा जल तू जब शंकर पे चढ़ाये गा,