जय भोले नाथ भगवान कर दो सबका कल्याण
जय जय शिव शंकर अविनाशी
हम तेरी है संतान देदो भक्ति वरदान
जय जय शिव शंकर अविनाशी
शिव रूप भयंकर तेरा महाकाल का लगता डेरा
अंग भसमी रमी समशान कर दो सबका कल्याण
जय जय शिव शंकर अविनाशी
गल नाग भुजंग समाए गंगा की धार बहाए
तेरी अजब निराली शान कर दो सबका कल्याण
जय जय शिव शंकर अविनाशी
शिव ओढ़े मृग की छाला गल मे मुंडो की माला
गोपाल करे गुणगान कर दो सबका कल्याण
जय जय शिव शंकर अविनाशी
स्वर - श्री कन्हैयाजी आगीवाल
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