राम श्री राम, राम श्री राम,
राम श्री राम, राम श्री राम……
राम नाम आधार है जग का,
क्यों इसको बिसराये,
राम नाम आधार है जग का,
क्यों इसको बिसराये,
राम श्री राम, राम श्री राम,
नाम जपा हृदय से जिसने,
भवसागर तर जाये,
राम नाम आधार है जग का,
क्यों इसको बिसराये,
बोलो राम, बोलो राम,
बोलो राम, कृष्णाये हरे......
कौन किसी के साथ आया था,
संग ना कोई जायेगा,
जीवन मरण के इस बंधन से,
प्राणी बच ना पायेगा,
जिसने सच्चे मन से पुकारा,
उसकी विपदा हरी,
राम नाम आधार है जग का,
क्यों इसको बिसराये,
बोलो राम, बोलो राम,
बोलो राम, कृष्णाये हरे......
राम बिना ये जीवन जैसे,
एक पानी का बुलबुला,
जैसी करनी वैसी भरनी,
सच्चा है ये सिलसिला,
मोक्ष जो चाहे मूर्ख प्राणी,
कर ले तू भक्ति,
राम नाम आधार है जग का,
क्यों इसको बिसराये,
बोलो राम, बोलो राम,
बोलो राम, कृष्णाये हरे.......
मैं मूर्ख अज्ञानी प्रभु जी,
अपनी शरण में ले लो मुझे,
हर लो मेरे पाप को तुम,
थोड़ी भक्ति दे दो मुझे,
तेरे गुण दिन रात मैं गाऊं,
नाम जपूं मैं हरि हरि,
राम नाम आधार है जग का,
क्यों इसको बिसराये,
बोलो राम, बोलो राम,
बोलो राम, कृष्णाये हरे.......