भजन बिना नादान उमर खो गई सारी.....
भजन किया नहीं राम नाम का,
दास बना रहा सदा काम का,
रे मुरख अज्ञान उमर खो गई सारी,
भजन बिना नादान उमर खो गई सारी......
कबहू ना संत शरण में आया,
न कबाहु हरि का गुण गया,
नाम धारा इंसान उमर खो गई सारी,
भजन बिना नादान उमर खो गई सारी…..
मेरी मेरी करता डोले बात करे तो उल्टा बोले,
कर कर मान गुमान उमर खो गई सारी,
भजन बिना नादान उमर खो गई सारी......
दास रतन मुश्किल अति तेरी,
जब यम की गाथा टिकेगी,
कर उस दिन को याद,
भजन बिना नादान उमर खो गई सारी......