सीता बेटी ना रो अपना जीवन ना खो धीरज धरो,
मेरी कुटिया में कुछ दिन गुजारो....
बेटी किस्मत में यही लिखा था,
तेरा जीवन बनो में कटेगा,
राम लेंगे खबर तुमको होगा सबर धीरज धारो,
मेरी कुटिया में कुछ दिन गुजारो....
घर का सुख चैन तजना पड़ेगा,
तुमको धरती पर सोना पड़ेगा,
पथ में कांटे रहे नंगे पैरों चलें धीरज धारो,
मेरी कुटिया में कुछ दिन गुजारो....
बेटी संतान जो तेरे होगी,
बुद्धि बल और बलवान होगी,
लव कुश लेंगे जन्म तुमसे होगा सबर धीरज धारो,
मेरी कुटिया में कुछ दिन गुजारो....
बेटी अयोध्या में जो यज्ञ होगा,
घोड़ा तेरे ही कारण छूटेगा,
लव कुश लेंगे पकड़ राम आए उधर धीरज धारो,
मेरी कुटिया में कुछ दिन गुजारो.....