मै की की सिफ्ता दसा,
मनमोहन दे दरबार दिया,
तेरे दर दिया ठंडिया छावा,
तपदे सीने नु ठारदिया,
मै की की सिफ्ता दसा.....
गरुड़ सवारी सोहनी लगदी,
हाथ विच मुरली सोहनी सजदी,
सिफ्ता तारणहार दिया,
मै की की सिफ्ता दसा.....
दर तेरे ते झुलदे झंडे,
सब नु मीठिया मुरादा वंडदे,
संगता अर्ज़ गुज़ारदिया,
मै की की सिफ्ता दसा.....
साफ जीना दिया हुंदिया नीता,
श्याम दे नाल हुंदिया प्रीता,
नई खुशिया संसार दिया,
मै की की सिफ्ता दसा.....