जय जय राम, जय श्री राम, दो अक्षर का, प्यारा नाम ll
*राम नाम के, जपने से ही,,, ll, बन जाते, सब बिगड़े काम,,,
जय जय राम, जय श्री राम, दो अक्षर का, प्यारा नाम ll
मधु कैटभ दो दैत्यों को, मत्स्य रूप से मारा l
वेदों का उद्धार किया, मगन हुया जग सारा l
*सागर मंथन में प्रभु ने, कश्यप रूप बनाया l
*अपने पीठ पर मद्राचल, पर्वत का भार उठाया l
पृथ्वी की रक्षा के लिए*, बाराह रूप में आए l
हिरण्यकश्यप को मार के, धरती जल के, ऊपर लाए,,,
जय जय राम जय श्री राम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
भक्त प्रल्हाद की रक्षा को, प्रभु ने नरसिंह अवतार लिया l
अभिमानी अत्याचारी, हिरण्यकश्यप को मार दिया l
*भूमि तीन पग मांग के बलि से, बामन रूप विराट किया l
*बलि के सर पे पग धर के, प्रभु ने उसका उद्धार किया l
परशु राम अवतार प्रभु का,,,* ll, जगत प्रसिद्द कहाए,,,
जय जय राम जय श्री राम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
*त्रेता युग में प्रभु ने ही, श्री राम रूप में जन्म लिया l
*जनक सभा में शिव के धनुष को, तोड़ सिया से बयाह किया l
जब द्वापर युग आएगा, अवतार कृष्ण का लेंगे प्रभु l
संहार कंस का कर के तभी, जग का संताप हरेंगे प्रभु l
*जब घर घर हिंसा फैलेगी, प्रभु बुद्ध रूप में आएंगे l
( "बुद्धम शरणम गच्छामि, धर्मो शरणम रक्षामि" )
मानव को प्रेम अहिंसा का, प्रभु पावन पाठ पढ़ाएंगे l
होगा कल्कि अवतार प्रभु का*, जब घोर कलयुग आए l
धरती पे अधर्म की छाया, कहीं न रहने पाए,,,
जय जय राम जय श्री राम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल