राम को आने लगी उबासी, चहरे पे सबके छा गई उदासी,
चुटकी बजावे हनुमान, मच गया हंगामा......
खाना और पीना छूटा, रातो को सोना छूटा,
कैसा ये रोग लगा सबका, ये धीरज छूटा,
राम दुखी है, दुखी है सारे, राम का संकट, कोई ना टारे,
चुटकी बजावे हनुमान....
डॉक्टर और वैध आए, रोग पकड़ ना पाए,
कैसा ये रोग लगा, कोई समझ ना पाए,
बोले यूं लक्ष्मण, लाओ हनुमान को, वो ही बचाएंगें,
भैया के प्राण को,
चुटकी बजावे हनुमान....
वो छत के ऊपर बैठा, चुटकी बजा रहा है,
अपने मालिक को देखो, कैसे रिझा रहा है,
राम की सेवा, तुम ही करोगे, हर घडी हर पल, साथ रहोगे,
ताली बजा दे हनुमान,
चुटकी बजावे हनुमान....