वेणु विनोद कुंज वृन्दावन संध्या आरती

संध्या आरती करति सहेली,
श्यामा श्याम गुण गर्व सहेली ।।

निरखि निरखि छवि नैन नवेली,
अंग अंग रंगरलि अलबेली ।।

सोहत उर चौवत चंबेली,
रसरंजन राजति रतिरेली ।।

तरु श्रृंगार प्रेम की बेली,
श्रीहरि प्रिया हरत मन हेली ।।

श्रेणी
download bhajan lyrics (523 downloads)