होली खेलें रघुवीरा, अवध में होली खेलें रघुवीरा……
संग में खेलें जानकी माता,
हनुमत भरत लखन सब भ्राता,
बीच खड़े रघुवीरा,
होली खेलें रघुवीरा,
अवध में होली खेलें रघुवीरा……
अपने दास पे रंग डाला रघुवर,
किरपा की पिचकारी भरकर,
कोयला बन जाये हीरा,
होली खेलें रघुवीरा,
अवध में होली खेलें रघुवीरा……
रंग केसरिया राम जी को भावे,
जनक दुलारी माँग सजावें,
हनुमत रंगें शरीरा,
होली खेलें रघुवीरा,
अवध में होली खेलें रघुवीरा……
ऐसा रंग तुलसी पे डाला,
राम चरित मानस रच डाला,
सबपे किरपा करो रघुवीरा,
होली खेलें रघुवीरा,
अवध में होली खेलें रघुवीरा……