हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥
वाल्मीकि अति दुखी दीन था,
बुरे कर्म में सदा लीन था ,
करी रामायण तैयार लेकर नाम तेरा,
थे नलनील जाति के वानर,
राम नाम लिख दिया शिला पर,
हो गई सेना पार लेकर नाम तेरा,
भरी सभा में द्रुपद दुलारी,
कृष्ण द्वारिकानाथ पुकारी ,
बढ़ गया चीर अपार लेकर नाम तेरा,
गज ने आधा नाम पुकारा ,
गरूड़ छोड़ कर उसे उबारा,
किया ग्राह उद्धार लेकर नाम तेरा,
जिनको स्वयं तार नहीं पाये,
नाम लिये से मुक्ति पाये ,
महिमा नाम अपार लेकर नाम तेरा,