गजानन आ जाओ इक बार,
करो विनती मेरी स्वीकार.....
शिव के नंदन हे दुख भंजन,
करो मुझपे भी उपकार,
करो विनती मेरी स्वीकार,
गजानन आ जाओ इक बार......
तुम विनायक हो सबके सहायक,
स्वामी तुम ही हो सृजनहार,
करो विनती मेरी स्वीकार,
गजानन आ जाओ इक बार.....
समय बुरा ना आए कभी उसका,
भगवन तुमको ध्याये जो बारंबार,
करो विनती मेरी स्वीकार,
गजानन आ जाओ इक बार......
हे गजवंदन करूं मैं भी नित वंदन,
हरो मेरे भी दुखों का भार,
करो विनती मेरी स्वीकार,
गजानन आ जाओ इक बार.....
ज्योतिर्मयी प्रभु छवि तुम्हारी,
करो दूर सब अंधियार,
करो विनती मेरी स्वीकार,
गजानन आ जाओ इक बार......
गणनायक जननायक हो तुम,
तुम्हारे चरणों में खुशियों का अम्बार,
करो विनती मेरी स्वीकार,
गजानन आ जाओ इक बार......
आनंद हो नाथ परमानंद तुम,
स्वामी हो सब सुखों का सार,
करो विनती मेरी स्वीकार,
गजानन आ जाओ इक बार.....
विघ्नहर्ता विघ्न तुम हरते,
भव से तुम ही तो लगाते पार,
करो विनती मेरी स्वीकार,
गजानन आ जाओ इक बार.....
आकर थामों पतवार मेरी भी,
प्रभु जी करो मेरा भी उद्धार,
प्रभु जी करो राजीव का भी उद्धार,
करो विनती मेरी स्वीकार,
गजानन आ जाओ इक बार.....
©राजीव त्यागी नजफगढ़