कितना काम करता है तू, सबका नाम करता है तू,
अरे भक्तों की खातिर सबकुछ कुर्बान करता तू,
आजा लेकर बाबा तू एक दिन की छुट्टी......
माँ ने है बनाया लड्डू खीर और चूरमा,
मिलके खाएंगे फिर थोड़े गप्पे शाप्पे मारेंगे,
इंतज़ार ना करा , द्वार पे हूँ मैं खड़ा,
अरे लीले पे सवार होके आजा,
आजा लेकर बाबा तू एक दिन की छुट्टी.....
शहर घुमाऊं तुझको मेरी बुलेट पे,
सज जायेगा शहर तेरे आगमन से,
लग जायेगा नारा बाबा श्याम हमारा,
खींचेंगे फोटो तेरे संग सजके,
आजा लेकर बाबा तू एक दिन की छुट्टी.....
खुला है मैदान, बच्चे पुकारे श्याम,
भोली भाली सूरत इनकी प्यारी सी मुस्कान,
लुका छुपी खेलेंगे, थोड़ी मस्ती करेंगे,
खाएंगे पिएंगे झूमेंगे,
आजा लेकर बाबा तू एक दिन की छुट्टी.......
कीर्तन कराया दरबार भी सजाया है,
बाबा तेरे लिए छप्पन भोग बनाया है,
कृपा तेरी करना, सबकी झोली भरना,
है अतुल की यही अरदास,
आजा लेकर बाबा तू एक दिन की छुट्टी......