खाटू में लगता है मेला ,
हर ग्यारस पर आऊं,
श्याम दरबार में तेरे,
शुक्र करू जो तूने दिया,
तेरा ही गुण गाऊ,
श्याम दरबार में तेरे…….
जब जब भी मैं तुझे निहारु,
आँख में आंसू आये,
तूने हाथ दिया सावरिया,
जब सबने हाथ छुड़ाए
रहू सदा चरणों में तेरे,
अपनी तुझे सुनाऊ,
श्याम दरबार में तेरे……
सारी दुनिया है देखी,
तुमसे ना कोई देखा,
सबके कर्मो का बाबा,
रखता है लेखा जोखा,
पाप किये हमने जीवन में,
कितने तुम्हे गिनाऊ,
श्याम दरबार में तेरे…..
सारे जग्ग में चलता है,
बाबा राज तुम्हारा,
तेरी रेहमत से चलता है,
हम सबका श्याम गुज़ारा,
माही तुझको श्याम पुकारे,
मन चाहा फल पाऊं,
श्याम दरबार में तेरे…….