मैया शेरावाली करती तू रखवाली,
मेरी जड़ी चुनरियाँ ले गयी मैया शेरावाली…………..
कुटिया छोटी है मेरी मैया मन ही मन घबराऊँ,
अपने मन मन्दिर के भवन में मा तुझको बैठाऊँ,
धन धान्य से पूरा जाइयो मैया शेरवाली,
मैया शेरावाली करती तू रखवाली....
ना माँगू मैं धन दौलत और ना ही माल ख़ज़ाना,
तेरे चरण को पकड़ के बैठूँ छोड़ मुझे नहीं जाना,
तेरे दर की दीवानी हो गयी मैया शेरावाली,
मैया शेरावाली करती तू रखवाली……..