तेरे दर आये लेके खुशियां हज़ार,
आशाये मन में जगी बेशुमार,
आये तेरे दरबार दर्शन पाना है,
हमको भी हर साल तेरे दर आना है
माँ के दर्शन से मिलता है साचा प्यार और माँ का दुलार,
माँ की महिमा को वो पहचाने मन में जिसके हो भागती और प्यार,
रस्ते रस्ते पर्वत पर्वत हो जाये गुलजार पड़ जाये माँ के कदम एक बार,
दर पे आके माँ तेरे ये सिर को झुकाना है,
हमको भी हर साल तेरे दर ........
माँ के चरणों में शीश नबा कर मैं करू गा माँ का सिंगार,
माँ की भागती में तन मन लगा कर आरती करू बार बार,
तेरे भगतो को मिल जाये तेरा ये दीदार माँ भगतो पे हो जाये तेरा उपकार,
चरणों में एके तेरे ये मन को लगना है,
हमको भी हर साल तेरे दर ........