मात सिया को राम प्रभु से,
कौन मिलाने वाला, मेरा बजरंग बाला,
राम पे जब जब विपदा छायी,
कौन बचाने वाला, मेरा बजरंग बाला……
जितने भी काम थे मुश्किल हनुमत के ज़िम्मे आए,
हनुमान सिवा ना कोई सागर को लाँघना पाए,
रावण की सोने की लंका कौन जलाने वाला,
मेरा बजरंग बाला ओ मेरा बजरंग बाला….
जब शक्ति लगी लक्ष्मण को और मूर्च्छा भारी छाई,
घायल देखा लक्ष्मण को तो रोने लगे रघुराई,
संजीवनी लाकर लखन को,
कौन बचाने वाला, मेरा बजरंग बाला.....
विभीषण ताना मारे और हनुमत सह ना पाए,
भक्ति किसे कहते हैं ये सबको ज्ञान कराए,
भरी सभा में चीर के सीना कौन दिखाने वाला,
मेरा बजरंग बाला,
मात सिया को राम प्रभु से.....