ओ मारुती ओ हनुमंता तेरा एक सहारा दूर करो दुःख सारा।।
बात पुरानी है एक कहानी है,
सूरज को तूने मुख में लिया था,
देवो ने की थी अर्जी,
चली थी तेरी मर्जी,
छोड़ दिया तूने रवि को मुख से,
मिटा दिया अँधियारा दूर करो दुःख सारा,
ओ मारुती ओ हनुमंता दूर करो दुःख सारा
तेरा एक सहारा...
पवन के प्यारे तुम अंजनी दुलारे तुम,
राम की आज्ञा पाकर तुमने,
सारा काम सवारा शंकर के अवतारा,
अमर अजर की आशीष पाई,
मात सिया के द्वारा दूर करो दुःख सारा,
ओ बालाजी ओ हनुमंता दूर करो दुःख सारा
तेरा एक सहारा........
महिमा तेरी ही बहुत है संतो ने गाई,
किसको बखाने किसको छोड़े,
समझ हमे नही आता ओ रे भाग्य विधाता,
देरी करो ना जल्दी से तुम देदो आके सहारा,
दूर करो दुःख सारा
ओ बालाजी ओ हनुमंता दूर करो दुःख सारा
तेरा एक सहारा