साई साई बोल तेरा क्या बिगड़े, क्या बिगड़े तेरा क्या बिगड़े,
मन से बोल तेरा क्या बिगड़े, तन से बोल तेरा क्या बिगड़े,
साई साई बोल तेरा क्या बिगड़े, क्या बिगडे तेरा क्या बिगड़े…….
इस संसार में दम नहीं कब निकले प्राण मालूम नहीं,
साई साई बोल तेरा क्या बिगड़े, क्या बिगड़े तेरा क्या बिगड़े,
साई साई बोल तेरा क्या बिगड़े, क्या बिगडे तेरा क्या बिगड़े…….
सोच समझ ले स्वारथ का संसार लाख जतन कर छुटे ना घरबार,
तु जान ले पेहचान ले संसार किसी का घर नहीं कब निकले प्राण मालूम नहीं,
साई साई बोल तेरा क्या बिगड़े, क्या बिगडे तेरा क्या बिगड़े…….
साईनाथ कहते है बारंबार श्रद्धा सबुरी जिवन का आधार,
तु जान ले पेहचान ले संसार किसी का घर नहीं कब निकले प्राण मालूम नहीं,
साई साई बोल तेरा क्या बिगड़े, क्या बिगडे तेरा क्या बिगड़े…….
मेरे साईं की महिमा अपरंपार लाखों भक्तों की लगती है वहां कतार,
तु जान ले पेहचान ले संसार किसी का घर नहीं कब निकले प्राण मालूम नहीं,
साई साई बोल तेरा क्या बिगड़े, क्या बिगडे तेरा क्या बिगड़े…….