मेरे साई तुमको ही समर्पित है सारी,
मेरी सांसे बाबा मेरी उम्र सारी,
तेरा हाथ सिर पे हमेशा ही चाहु,
हर इक सांस पर मैं तेरा नाम गाउ,
तू मालिक है मेरा तेरा मैं पुजारी,
सभी जानते है ये मेरी कहानी,
मेरे साई तुमको ही समर्पित
कभी भूल कर भी मुझे न भुलाना,
सदा सीधी राहो में मुझको चलाना,
सदा माफ़ करना मेरे शिरडी वाले,
गुनहगार हूँ मैं करू जो नादानी,
मेरे साई तुमको ही समर्पित
तेरा शुकरियाँ है जो काबिल बनाया,
ज़मी से उठा कर फलक पर बिठाया,
कभी जब भी जो तुझे से है मांगा,
मेरे साई बाबा ने ना की आनी तानी,
मेरे साई तुमको ही समर्पित
मैं रणजीत हु तू है दिलजीत ऐसा,
कोई भी जहां में नहीं तेरे जैसा,
है दानी शुभाष दुनिया में लाखो,
मगर तेरा साई नहीं कोई सानी,
मेरे साई तुमको ही समर्पित