तेरी किरपा से ही चले परिवार सँवारे,
तेरे भरोसे चले पे पले घर बार सँवारे,
तेरी किरपा से ही चले परिवार सँवारे
रखी सदा ही आप ने इज्जत गरीब की,
बदली सदा ही आप ने रेखा नसीब की,
तुमने सम्बाला है मुझे हर बार सँवारे,
तेरी किरपा से ही चले परिवार सँवारे
मुझको शरण में आप की कोई नहीं कमी,
करती है शुक्र आप का आँखों की नमि,
पकड़ा है हाथ आप ने सरकार सँवारे,
तेरी किरपा से ही चले परिवार सँवारे
मांगी न हमने आप से दौलत जहां की ,
पूंजी मिली है आप से मुझको ईमान की,
सेवा का अपनी दे दियां उपहार सँवारे,
तेरी किरपा से ही चले परिवार सँवारे
करता रहु मैं सँवारे तेरी ही बंदगी,
सेवा में गुजरे आप के रोमी की ज़िंदगी,
करना सदा ये दास पे उपकार सँवारे,
तेरी किरपा से ही चले परिवार सँवारे