भेरू जी थारा द्वार पे आयो हु दुकड़ा टार दे,
कंका ली रा लाल भेरू जी ऊबो थारे बारणे,
भेरू जी थारा द्वार पे....
जेठ मास थारो जागण वेला, सब जातरी द्वार पे वेला,
ऐ में तो जागण देऊ सारी रात ने,
भेरू जी थारा द्वार पे.....
द्वार-द्वार में गयो रे भेरू जी,कोई न हेलो सुणियो भेरू जी,
ओ मारा शिशोदा सरकार ने,
भेरू जी थारा द्वार पे......
ढोल नगाड़ा नोपत बाजे, खम्मा खम्मा मारा भेरू जी नाचे,
ओ मारी विपदा देवो टार ने,
भेरू जी थारा द्वार पे......
गावे जावे हेले आवे ‘धरम तंवर’ थारा भजन सुनावे,
ओ भेरू बेगा आवो पाट पे,
भेरू जी थारा द्वार पे...