तर्जे - ओ गुरू सा थारो
हो... बाबोसा .....बाबोसा ....
तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो
तुम्ही हो बंधु सखा तुम्ही हो
ओ बाबोसा म्हारी सुन लो पुकार
करो अर्ज स्वीकार
म्हाने भी बुलालो , बाबा थारे दरबार
एक यही अभिलाषा मेरी ,दूजी न कोई आशा
चरणों से लगालो , म्हाने रो दिन दातार
म्हारा थे पालनहार
म्हाने भी बुलालो , बाबा थारे दरबार
ओ बाबोसा .....
भक्तो के भगवान तुम्ही हो , तुम्ही हो तारणहार
हिवड़े से लगाकर , हमपे करो उपकार
प्यार बाबोसा सरकार
म्हाने भी बुलालो , बाबा थारे दरबार
ओ बाबोसा .....
माँ छगनी के लाल ये प्यारे ,बाबोसा भगवान
भक्त बाबोसा बिन , सुना ये संसार दिलबर यही है आधार
म्हाने भी बुलालो , बाबा थारे दरबार
ओ बाबोसा .....
✍️ दिलीप सिंह सिसोदिया
" दिलबर " नागदा