बाबा मत संख बजावै, पुजू तेरे पाँव रे,
पालना में सोवे मेरो, जग जायगो लाल रै.....
अलख जगायो नन्द बाबा के, कृपा मुनि भारी है,
वो ही भी देउँ क्या नाथ जो इच्छा तुम्हारी है,
कमी नहीं है धन की, थाली लाऊँ भोजन की,
करूँ ना अबार रे....
पालना में सोवे मेरो, जग जायगो लाल रै,
पालना में सोवे मेरो, जग जायगो लाल रै....
धन और दौलत हमें ना चाहिए, एक लालसा लाया हूँ,
तेरे लाला के दर्शन करने, बड़ी दूर से आया हूँ,
बड़ी दूर से आया हूँ, मैं बड़ी दूर से आया हूँ,
भिक्षा माँगे सन्यासी, मैं हूँ पर्वत कैलाशी,
ये गोकुल सौ गाँव रै....
पालना में सोवे तेरो, जग जायगो लाल रै,
पालना में सोवे तेरो, ज़ग जायगो लाल रै....
तू तो बाबा दर्शन करके, अपनी गैल (राह) पकड़ जायेगो,
तेरे रूप को देखकर के मेरो कन्हैया डर जायेगो,
बातन को फंदा डारे, डरपे गो देख तुम्हारें,
ये कारे कारे नाग रे...
पालना में सोवे मेरो, जग जायगो लाल रै,
पालनाँ में सोवे मेरो, जग जायगो लाल रै....
धरनो देउँ रमा देउँ धूणी, पूरण कर दे आशा को,
बिन दर्शन किये लाला के, ना जाऊँ कैलाशा को,
बाबा ने धरनों दीनों, मोहन ने नाटक कीन्हों,
दर्शन जी भर कर लीन्हों, ये सोच मैं तमाम रै.....
पालना में सोवे मेरो, जग जायगो लाल रै,
पालना में सोवे मेरो, जग जायगो लाल रै.....