अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाए जा,
मोर मुकुट वारे, घुंघराली लट वाले।
तुम बिन मोहन चैन पड़े ना,
नयनो से उलझाए नैना।
मेरी अखियन बीच समाए जा,
मोर मुकुट वारे, घुंघराली लट वाले॥
बेदर्दी तोहे दर्द ना आवे,
काहे जले पे लोण लगावे।
आजा प्रीत की रीत निभाए जा,
मोर मुकुट वारे, घुंघराली लट वाले॥
बांसुरी अधरन धर मुसकावे,
घायल कर क्यूँ नयन चुरावे।
आजा श्याम पीया आजा आए जा,
मोर मुकुट वारे, घुंघराली लट वाले॥
काहे तों संग प्रीत लगाई,
निष्ठुर निकला तू हरजाई।
लागा प्रीत का रोग मिटाए जा,
मोर मुकुट वारे, घुंघराली लट वाले॥
टेढ़ी तोरी लकुटी कमरिया,
टेढो तू चितचोर सांवरिया।
टेढ़ी नज़रों के तीर चलाए जा,
मोर मुकुट वारे, घुंघराली लट वाले॥