ब्रज जन मन सुखकारी राधे, श्याम श्यामा श्याम,
राधे श्याम
ब्रज जन मन सुखकारी राधे, श्याम श्यामा श्याम राधे,
हे कृष्ण करुणा-सिंधु, दीन-बन्धु जगत्पते,
गोपेश गोपिकाकान्त राधाकान्त नमोस्तुते....
तप्त कंचन गौरांगी, राधे वृंदा वनेसवरि,
वृष भानु सुते देवि प्रणमामि हरी प्रिये...
राधा कृष्ण मिली अब दोऊ, गौर रूप अवतारी,
कीर्तन धर्म प्रचारी, राधे श्याम श्यामा श्याम,
ब्रज जन मन सुखकारी राधे श्याम श्यामा श्याम राधे,
नारायण बलिहारी, राधे श्याम श्यामा श्याम राधे,
नारायण बलिहारी, राधे श्याम श्यामा श्याम राधे,
ब्रज जन मन सुखकारी राधे, श्याम श्यामा श्याम राधे,
ब्रज जन मन सुखकारी राधे, श्याम श्यामा श्याम राधे.....
राधे गोविन्दा……….
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे॥
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे॥
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे॥
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे॥
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे॥
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे॥