बृज में डंका बाज रहो राधा रानी को

ब्रज में डंका बाज रहे हो राधा रानी को,
या ब्रज में हुक्म चाल रो से बरसाने वारी को....

राधा काटे सबकी ब्याधा,
जो तू जब जपेगो राधा राधा,
तेरे दुख को कर दे आधा,
हल है जाए परेशानी को या ब्रज में....

गहरी नदिया नाव पुरानी,
भजले राधे राधे राधे प्राणी,
ना फिर मिले जिंदगानी मूरख तज नादानी को या ब्रज में....

राधा नाम की महिमा ऐसी,
अमृत संजीवन के जैसी,
ना दवा मिलेगी ऐसी हर ले पीर पुरानी को या ब्रज में.....

देखो बरसाने में जाकर, देखो वृंदावन में आकर,
बृजराज मस्तक ऊपर लाकर,
प्रीतम प्यारे हैं चाकर श्री वृषभानु दुलारी को या ब्रज में......
श्रेणी
download bhajan lyrics (323 downloads)