अंजनी पुत्र, केसरी नंदन,
तेजी प्रताप महा जग के वंदन,
महावीर नाम तुम्हारे,
तेरा भक्त आया तेरे सहारे।।
दर पे तेरे मैं आया हु,
वक़्त का मैं सताया हूँ,
किरपा करो हे हनुमत,
शरण तेरी मैं आया हु,
विनती मेरी स्वीकार करलो,
हे प्रभु मेरी भरदो।।
वीरो के तुम वीर हो तुम महाबली,
कष्टों का करते निवारण,
नाम लेता जो भी हनुमत,
दुखो का करते निवारण,
महावीर नाम तुम्हारे,
तेरा भक्त आया तेरे सहारे।।