मेहंदीपुर में सजे तेरा दरबार बाला जी
संकट काटे आई है भवन पे बहार बाला जी
तने संकट हारी कहे से रुदर अवतार कहे से
तने पालनहार कहे से
दीं दुखी को का करे सदा उधार बाला जी
मेहंदीपुर में सजे तेरा दरबार बाला जी
जब जाऊ तेरे भवन में मेरे मस्ती चढ़ जा तन में
मने भूत दीखते दिन में खूब पड़े से संकट की किलकार बाला जी
मेहंदीपुर में सजे तेरा दरबार बाला जी
जब खा लू सो दो लड्डू मैं याद कसूती काटू
बाबा रोम सु ठाठ उठा दू
मैं पड़े जा सु तेरी दिस मार बाला जी
मेहंदीपुर में सजे तेरा दरबार बाला जी
ना जोर भगत का चाले ये संकट गेरी गाले
या दुखिया तेरे हवाले अशोक
भगत ने दर्शन दे इक बार बाला जी
मेहंदीपुर में सजे तेरा दरबार बाला जी