अंजनी के लाल तुमको मेरा प्रणाम हो,
शत शत प्रणाम कोटि कोटि प्रणाम हो,
अँजनी के लाल तुमको.....
रूद्र रूप में तुम हो शंकर,
अति रणबाकुर रूप भयंकर,
रूद्र रूप में तुम हो शंकर,
अति रणबाकुर रूप भयंकर,
कनक भूधरा तन को प्रणाम हो,
अँजनी के लाल तुमको.......
सत योजन किया सागर पारा,
तुम्हरे बल को नहीं सुमारा,
सत योजन किया सागर पारा,
तुम्हरे बल को नहीं सुमारा,
तुम तो प्रभु अतुलित बलधाम हो,
अँजनी के लाल तुमको......
अक्षय मार वाटिका उजारि,
सोने की लंका पल में है जारी,
अक्षय मार वाटिका उजारि,
सोने की लंका पल में है जारी,
दुष्ट दलन तुम वीर हनुमान हो,
अँजनी के लाल तुमको.......