मेरे घर में सजा दरबार दिया दीदार किया उपकार दातिए,
मुझे मिल गया तेरा प्यार मैं शुक्र गुजार दातिए,
तेरा है स्वास कार हजारो बार दिया मुझे तार,
मुझे मिल गया तेरा प्यार मैं शुक्र गुजार दातिए,
की मंजूर मेरी मन्नत माँ मिनत की तो मान गई,
क्या तेरे पे टेकी तुझमे अटकी है तू जान गई,
मिल गए तार से तार हुई झंकार लगे फनकार,
मुझे मिल गया तेरा प्यार मैं शुक्र गुजार दातिए,
आज बुलंदी पे है सितारा ऐ बी एम की किस्मत का,
माँ तेरे आने से नजारा इस घर में है जन्नत का,
तेरा भक्त मेरा परिवार,मेरी सरकार मैं दावेदार,
मुझे मिल गया तेरा प्यार मैं शुक्र गुजार दातिए,