सासु पूछे बहुल से तू क्या लाई पीहर से,
सच ही सच बताऊं री सासुल ये लिए लाई मैं पीहर से.....
मेरी चुनरी में पूजा हो रही गौरी नंद गणेश की,
मेरी चुनरी में शेरावाली आठ पहर विश्राम करें,
सच ही सच बताऊं री सासुल ये लिए लाई मैं पीहर से.....
मेरी चुनरी में ब्रम्हा विष्णु शंकर जी भी साथ रहे,
मेरी चुनरी में पार्वती और लक्ष्मी जी भी साथ रहे,
सच ही सच बताऊं री सासुल ये लिए लाई मैं पीहर से.....
मेरी चुनरी में राम लखन और सीता जी भी साथ रहे,
मेरी चुनरी में हनुमान जी ने दुनिया ही प्रणाम करें,
सच ही सच बताऊं री सासुल ये लिए लाई मैं पीहर से.....
मेरी चुनरी में राधा रुक्मणी सत्यभामा भी साथ रहे,
मेरी चुनरी में श्री कृष्ण और बलदाऊ भी साथ रहे,
सच ही सच बताऊं री सासुल ये लिए लाई मैं पीहर से.....
मेरी चुनरी में लगा किनारा गंगा यमुना बहा करे,
मेरी चुनरी में त्रिवेणी जामें दुनिया ही स्नान करें,
मेरी चुनरी में सत्संग हो रा गुरुजी उपदेश करें,
जब मेरे सतगुरु वाणी बोले दुनिया उनका ध्यान धरे,
सच ही सच बताऊं री सासुल ये लिए लाई मैं पीहर से.....