पागल मन मेरो रे, पागल मन मेरो रे,
भजन करे नहीं पागल मन मेरो रे.....
इना जनम में तीन पण खोया नहीं पीया एक प्याला,
फिर पछताए क्या होता है,जब काल ने घेरा,
पागल मन मेरो रे.............
पशु चाम की बने पन्हैया नौबत झड़े नगाड़ा,
मनुष चाम कोई काम नी आवे, जल कर होइ अंगारा,
पागल मन मेरो रे............
कोड़ी कोड़ी माया जोड़ी मुरख कहे धन मेरा,
न धन तेरा न धन मेरा, असल जंगल का फेरा,
पागल मन मेरो रे............