भगवन मेरे भगवन,
इस मुसीबत से बचाओ भगवन,
फिर किसी रूप में आओ भगवन,
भगवन मेरे भगवन.....
कितना ढायेगी सितम ये कुदरत,
रोक अब इस पे लगाओ भगवन,
फिर किसी रूप में आओ भगवन,
भगवन मेरे भगवन.....
सबकी आँखों में हैं ग़म के आँसू,
सबके ग़म दूर भगाओ भगवन,
फिर किसी रूप में आओ भगवन,
भगवन मेरे भगवन....
इक तुम्हारे ही सहारे हम हैं,
अब कोई राह दिखाओ भगवन,
फिर किसी रूप में आओ भगवन,
भगवन मेरे भगवन....