अपना बनाया ई ते अपना बना के रखी,
चरना तो दूर ना करी,
तेरे बाजो जीना पवे सतगुरु साईंआ,
साहनु एहना मजबूर ना करी,
काम क्रोध लोभ वाले मध् मोह माया वाले,
नशियाँ च चूर ना करी,
सेवा भगती दा सहनु देवी तू सरुर सैयां,
कदे मँगरू न करी,
मंग ये मैं मंगा एह सी दुःख देवा होरा नु जो मंग मंजूर न करी,
सब दी भलाई मंगा वीन जही पराई मंगा,
अनसुनी हजूर ना करी,
याद ये करे साहिल नु सच्चे साहिबा वे उस दे,
याद तू कसूर ना करी,
भुला भक्शावन वाला,दोशा नु भुलवान वाला मढ़ा दस्तूर न करी,