निकली है पालकी साई की पालकी

होने लगी बरसता अबीर गुलाल की,
निकली है पालकी साई की पालकी

धुप हो या छाँव हो रात या बरसात हो साई दर्शन की दिल में है आस,
दूर हो या पास हो भूख हो या प्यास हो भगतो के मन में है शिरडी का ध्यान,
भज रहे ढोल ताशे बज रही है ढोलकी,
होने लगी बरसता अबीर गुलाल की,

आओ नाचो गाओ दुःख दर्द भूल जाओ,
श्रदा सबुरी से करि साई ध्यान,
सबको साथ लेलो साई साई बोलो दूर रखो सारा झूठा अभिमान,
छोड़ चलो राह पीछे मोह माया जाल की,
होने लगी बरसता अबीर गुलाल की,

भेद भाव तोड़ के नाता सब से जोड़ के भटके ये जो वो फिर से मिलाये,
कोई न समज पाया साई की माया साई ने पानी से दीप जलाये,
कहे दीपक साई की लीला है कमाल की,
होने लगी बरसता अबीर गुलाल की,

श्रेणी
download bhajan lyrics (914 downloads)