शिरडी का मेला मुझसे कही छूट न जाये,
क्यों गाडी लेट चलाये क्यों गाडी लेट चलाये,
साई से मेरी लगन लगी है मुझको शिरडी जाना है,
प्यार की भीख वही से लेकर मुझको जल्दी आना है,
देख के इस रफ़्तार को तेरी दिल मेरा गबराये,
शिरडी का मेला मुझसे कही छूट न जाये,
शिरडी नगरी का मेला कोई भी भूल न पाये,
जिसको दुनिया ठुकरा दे साई जी गले लगाये,
हर सटेशन पे रुक रुक के क्यों मेरा गवाये
शिरडी का मेला मुझसे कही छूट न जाये,
वक़्त के साथ में चलना सीखो करो न लेट ये गाडी,
मुझको दर्शन नहीं हुये तो आगे तेरी बारी,
काकड़ आरती मैं भी देखु शेश आरती तक पहुंचादे दिल क्यों मेरा दुखाये,
शिरडी का मेला मुझसे कही छूट न जाये,
चावड़ी में जब साई बाबा आके चिलम लगाये,
साई मेले में जो जाये जाके देख के आये,
द्वारका माई देव कुल में भी भाग मेरा बन जाये,
शिरडी का मेला मुझसे कही छूट न जाये,