सावरिया मन भाया रे,
सावरिया मन भाया रे ।
सोहिनी सूरत, मोहिनी मूरत,
हृदय बीच समाया रे ।
देश में ढूंढा, विदेश में ढूंढा,
अंत को अंत ना पाया रे ।
काहू में एहमद, काहू में ईसा,
काहू में राम कहाया रे ।
सोच कहे यकरंग पिया,
जिन ढूंढा तिन पाया रे ।