आज करना ना कोई बहाना अर्ज मेरी सुन लेना॥
सतियो के समने मैं खली झोली लाई ॥
होगी हसी जो मेरी होई ना सुनाई ॥
ताने मरे गा सारा जमाना ,
अर्ज मेरी सुन लेना......
चोखट पर तेरी कान्हा सिर को जुकाऊ॥
काहू पादरू कान्हा बिनती सुनाऊ॥
आज मुजको ना तुम ठुकराना,
अर्ज मेरी सुन लेना......
बाये ना कोई अब किस को निहारु॥
रहन दी बस कान्हा तुज्को ही पुकारू॥
अब और ना मुझे अजमाना अर्ज मेरी सुन लेना,
अर्ज मेरी सुन लेना......