श्रृंगार सांवरिया लागे ये प्यारा है,
देख के प्यार से मुस्कुरा दीजिए,
देख के प्यार से मुस्कुरा दीजिए।। -2
लगती काजल की कोरे,
काली घटा
मन को भाने लगी तेरी,
प्यारी छटा
है रूप तेरा प्यारा प्यारा,
जो मोह लेता है जग सारा,
देख के प्यार से मुस्कुरा दीजिए....
चमके कानों में कुंडल,
दिनकर से,
सारी ले लूँ बलाए मैं,
जी भर के,
नजर कहीं ना लग जाए,
सोणा सा मुखड़ा मन भाए,
देख के प्यार से मुस्कुरा दीजिए...
न्यारा जग में तेरा,
ये श्रृंगार है,
प्यारा फूलों में बैठा,
वो दातार है,
‘माही’ को रूप तेरा भाए,
‘तनु’ तेरी महिमा गाए,
देख के प्यार से मुस्कुरा दीजिए...
श्रृंगार सांवरिया लागे ये प्यारा है,
देख के प्यार से मुस्कुरा दीजिए -2