आवत देखो तो अचक चढ़ी चली आई जमुना,
चली चली आई जमुना, चली चली आई जमुना,
आवत देखो तो.....
सोए गए सब पहरे वाले टूट गए जेल के ताले,
ले वसुदेव चले री गोकुल को आधी रतिया,
आवत देखो तो....
भरी भादो की रात अंधेरी छाए रही है घटा अलबेली,
रिमझिम रिमझिम मेघा बरसे चमके बिजुरिया,
आवत देखो तो.....
पीछे से आगे भई जमुना प्राण बचे लाला के अब ना,
चरण पखार उतर गई जमुना हस गए छलिया,
आवत देखो तो....
गोकुल में उत्सव भयो भारी नंद बाबा ने खुशी मनाई,
घर-घर में बट रही मिठाई और गांव में बधाइयां,
आवत देखो तो....