होलिया में उडे रे गुलाल, बरसाने की गलियों में,
बरसाने की गलियों में ,बरसाने की गलियों में,
बरसाने की राधा रानी,
गोकुल के घनश्याम,
बरसाने की गलियों में,
राधा के संग में सखियाँ सारी,
कृष्ण के संग बलराम ,
बरसाने की गलियों में,
भर पिचकारी कान्हा ने मारी,
राधा को कर दिया लाल,
बरसाने की गलियों में,
राधा जी तो गौरी गौरी,
साँवले सलौने नंदलाल,
बरसाने की गलियों में,
श्याम के हाथों में मुरली सोहे,
राधा के हाथों में गुलाल,
बरसाने की गलियों में,
लेखक-आचार्य मनोज कुमार जैमन