आँख भर आई तुझसे मिली जो नजर,
दिल उमड़ने लगा है तुझे देख कर,
आँख भर आई तुझसे.....
मैंने जज्बात दिल में दबाये बहुत,
सारी दुनिया से इनको छुपाये बहुत,
तेरी चौकठ पे आके गाये ये बिखर,
दिल उमड़ने लगा है तुझे देख कर,
आँख भर आई तुझसे.....
अब न शिकवा न शिकायत न कोई गीला,
भोज हल्का हुआ चैन मन को मिला,
श्याम दर्शन का तेरे हुआ ये असर,
दिल उमड़ने लगा है तुझे देख कर,
आँख भर आई तुझसे.....
जैसे मुदत से मिलता है अपना कोई,
पूरा होता है जीवन का सपना कोई,
रही भटका हुआ जैसे पौंचा घर,
दिल उमड़ने लगा है तुझे देख कर,
आँख भर आई तुझसे.....
बोल तेरे सिवा कौन मेरा यहाँ,
बिनु लगता पराया है सारा जहान,
श्याम जाऊ कहा मैं तुझे छोड़ कर.
दिल उमड़ने लगा है तुझे देख कर,
आँख भर आई तुझसे.....