कोण किसै नै घराँ बुलावै

कोण किसै नै घराँ बुलावै, कोण किसे कै जावै रै
हर दाणे पै मोहर लागरी, कोण दाणा पाणी ल्यावै
कोण किसै नै घराँ बुलावै.......

दाणा धरती म्ह पड़  ज्यासै, पड़ कै पेड़ बड़ा हो ज्यासै,
कित की धरती किट का दाणा कोण यो दाणा खावै
कोण किसै नै घराँ बुलावै........

घर आये का मान निभाणा, करके सेवा मत इतराणा,
कर्ज़ा पिछले जन्म का तेरा,  सुणले वो उतरावे
कोण किसै नै घराँ बुलावै........

घर आवणीया रूप प्रभु का,तू भी सुकर मनाले उसका,
सच्चे मन की सेवा प्यारे, अपणा असर दिखावै,
कोण किसै नै घराँ बुलावै.........

दुर्योधन की त्याग मिठाई, विदुराणी घर चले कन्हाई,
केलेया ऊपर मोहर लागरी, कह छिलके श्याम चबावै,
कोण किसै नै घराँ बुलावै........

कुमार सुनील फोक सिंगर
हिसार हरियाणा भारत
मोबाइल : 9812301662
   
श्रेणी
download bhajan lyrics (907 downloads)