तरज़:-सब कुछ दिया है तुमनें
श्यामा श्याम का खज़ांना,श्री हरिदास ने दिया है
श्यामा श्याम रटते रटते,जीवन बना लिया है
लिया है मैंनें
श्यामा श्याम....
1.निद्धिंवन की कुन्जों में,जाकर डेरा किया हैधं
अपनी ही भक्ति द्वारा,युगल को प्रगट किया़
श्यामा श्याम रटते रटते,जीवन बना लिया है
लिया है मैंनें
श्यामा श्यमा.... ध
2.श्री हरिदास का निवेंदन,युगल से बांकां किया है
जो बांकें बिहारी का दर्शंन,ससांर कर रहा है
श्यामा श्याम रटते रटते,जीवन बनाध लिया है
लिया है मैंनें
श्यामा श्याम....
3.इसी नाम को रट के ही,पागल हुआ है रसका
इसी नाम में मगंन हो,धस्सा जा रहा है धसका
श्यामा श्याम रटते रटते,जीवन बना लिया है
लिया है मैंनें