तेरा दरबार न छोड़ू चाहे लोग हाँसे,
सांवरी सलोनी सूरत दिल में वसे,
तेरा दरबार न छोड़ू चाहे लोग हाँसे,
प्रीत हमने ऐसी श्याम तुम संग जोड़ी जग से तोड़ी,
दिल में समाये तुम मेरे चोरी चोरी बंध गई तुम संग प्रीत की डोरी,
प्रीत की डोरी अब तो तू ही कसे,
तेरा दरबार न छोड़ू चाहे लोग हाँसे,
अपने ही रंग मोहे रंगदे सांवरियां दुनिया को करदे दनग,
चढ़ जाए मोपे ऐसा रंग सांवरियां नाचे ये मेरा हर अंग सांवरियां,
अंग अंग मेरा तेरे रंग रचें,
तेरा दरबार न छोड़ू चाहे लोग हाँसे,
हाथो में तेरे श्याम मेरा ये हाथ हो हर पल सँवारे तेरा ही साथ हो,
सुख हो या दुःख हो दिन हो या रात हो मेरी जुबा पे श्याम बस तेरी बात हो,
रोमी को श्याम बस तू ही जचे,
तेरा दरबार न छोड़ू चाहे लोग हाँसे,