हे महादेव मेरी लाज रहे |
मेरी लाज रहे, तेरा राज रहे ||
जहर कंठ में, नाग गले में, आग नयन में,
फिर भी अमृत तुम्ही लुटाते, इस त्रिभुवन में |
आज भगत पर भीड़ पड़ी है, फिर तुम कहाँ विराज रहे ||
नाथ बता दो इस मन्दिर में, विश्वनाथ हो,
आज दिखा दो कोई ना जिसका, उसके साथ हो |
रही गरीबी भगतो की फिर, कैसे गरीब निवाज रहे ||
भेट धरुं क्या, राम भक्त से, रामायण लो,
नारायण की अमर कथा को, नारायण लो |
राम सखा तुम, राम दास मै, कुछ तो नाथ लिहाज रहे ||