गंगा किनारे दरबार है तेरा,
कर दे माँ मेरी नैया तू पार,
गंगा किनारे दरबार है तेरा,
ऊँचा भवन तेरा ऊँचा हैं नाम,
सबके साँवरे मैया तू काम,
चरणो में तेरे तीरथ सारे,
ओर बेस हैं चारो धम,
गोद में तेरी सुख हैं अपार,
करदे माँ मेरी नैया तू पार,
गंगा किनारे दरबार है तर........
परम कृपालु तू कल्यानी,
पति पावनी मात भवानी,
ताव घुण गाती सब सुख धटि,
मैया मेरी हैं वरदाती
मानवा मेरा करता पुकार,
करदे माँ मेरी नैया तू पार,
गंगा किनारे दरबार है तर......